सितार एक फ़ारसी शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ होता है ” सेह तार “। जिसका मतलब होता है तीन तार वाला वाद्य यंत्र। लेकिन अब सितार में 18-21 तार होते है , जिसमे से कुछ मुख्य तार होते है और कुछ सहायक तार होते है , सितार के कुछ प्रसिद्ध विद्वान पंडित रवि शंकर , पंडित निखिल बनर्जी जिन्होंने सितार को पुरे दुनिया में एक नई ऊंचाई तक लेकर गए है और इसके मधुर स्वरों से पुरे दुनिया को अवगत कराया है।
जिस प्रकार से आपके कीबोर्ड , तबला , वोकल के अध्यापक आसानी से मिल जाते है उस प्रकार आपके सितार के अध्यापक आसानी से नहीं मिल पाते है, जिसको कारन लोगो को सितार सीखना मुश्किल हो जाता है , अनहद नाद फाउंडेशन ने इस चीज़ को ध्यान में रखते हुए “श्री उमा शंकर जी” से अनुरोध किया की वो वो थोड़ा सा समय निकल कर सितार की क्लास यहाँ भी आरम्भ करे जिससे की आसानी से यहाँ के लोगो को सितार के बारे में जानने और सिखने का अवसर मिल सके। मैं ” श्री उमा शंकर जी” को धन्यवाद देता हूँ की उन्होंने मेरे अनुरोध को स्वीकार किया और यहाँ पर सितार क्लास का आरम्भ किया।