“गिटार” एक तार वाला म्यूजिकल वाद्य-यंत्र और “बांसुरी” एक सुषिर वाद्य -यंत्र है , गिटार को बनाने में मुख्यतः लकड़ी और तार का प्रयोग होता है जब कि बांसुरी प्राकृतिक बांस से बानी हुई होती है। अब हम बात करते है कि गिटार और बांसुरी में कौन सा वाद्य यंत्र आसान होता है सीखना !
किसी भी चीज़ को सिखने में कठिनाई तो होती है लेकिन अगर हम दोनों में तुलना करे तो बांसुरी को सिखने थोड़ा सा ज्यादा कठिन होता है। इसका मतलब ये नहीं कि गिटार आसान है।
जैसे कि मैंने अनुभव किया है जब हम बांसुरी बजाना सीखते है तो ये जरुरी नहीं है कि आपका पहली क्लास में आवाज आये या अगर आ भी जाये तो सुर में बजे लेकिन गिटार में तो आपकी पहली क्लास से आवाज आने लगती है और सुर में आती है यदि आपके टीचर उसको सुर में मिला कर बजाने को दे।
लेकिन बांसुरी का ये सबसे प्लस पॉइंट है कि आप इसे आसानी से अपने साथ कही भी ले जा सकते है, जब गिटार को अपने साथ सब जगह ले जाना मुश्किल होता है। लेकिन संगीत तो कोई भी सीखे जब वह सुर में बजती है तो हमरे मन को आराम और ख़ुशी देती है। इसलिए ये जरुरी नहीं है है कि आप गिटार , बांसुरी ही सीखे , आप कोई भी संगीत या म्यूजिकल वाद्य- यंत्र सीखते है जैसे सितार, तबला, keyboard कुछ
भी सीखते है तो आपका शरीर और मन उसमे involved ज्यादा होता है। संगीत सुनने से ज्यादा संगीत बजाने या सीखने से आप अपने आप को ज्यादा खुश और realx कर सकते है ह। इसलिए संगीत सिखये और बजाए और खुश रहे।
धन्यवाद